PM Vishwakarma Yojana Registration: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है, जो देश के कारीगरों और शिल्पकारों के कौशल विकास और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए बनाई गई है। यह योजना विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले नागरिकों के लिए है। देश के विभिन्न राज्यों से कई नागरिकों ने इस योजना का लाभ उठाया है, लेकिन अभी भी कई लोग जानकारी के अभाव में इस योजना से वंचित हैं। ऐसे सभी नागरिकों को अपनी पात्रता की जांच करके इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करना चाहिए और इसके लाभों का उपयोग करना चाहिए।
प्रशिक्षण और कौशल विकास
पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन करने वाले नागरिकों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इस प्रशिक्षण के द्वारा उनके कौशल में निखार आता है, जिससे वे अपने कार्य को और अधिक कुशलता से कर पाते हैं। प्रशिक्षण के लिए लाभार्थियों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है। सरकार ने इस योजना के लिए 18,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जिससे लाखों नागरिकों को लाभ मिल रहा है और आगे भी मिलता रहेगा।
कम ब्याज दर पर ऋण सुविधा
प्रशिक्षण के साथ-साथ, इस योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए कम ब्याज दर पर ऋण भी प्रदान किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत 3 लाख रुपये तक का ऋण दो अलग-अलग चरणों में दिया जाता है। पहले चरण में 1 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है, और उसे समय पर चुकाने पर अतिरिक्त 2 लाख रुपये का ऋण प्रदान किया जाता है। कुल मिलाकर, इस योजना के माध्यम से 3 लाख रुपये तक का ऋण मात्र 5% की ब्याज दर पर प्राप्त किया जा सकता है।
ऋण के लाभ और उपयोग
कम ब्याज दर पर मिलने वाले इस ऋण का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसका उपयोग करके कारीगर अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकते हैं। इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और वे अपने परिवार का बेहतर तरीके से भरण-पोषण कर पाते हैं। ऋण केवल नागरिक की सहमति के आधार पर ही दिया जाता है, और इसका उपयोग व्यावसायिक गतिविधियों के लिए किया जा सकता है।
पात्रता मापदंड
पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ लेने के लिए कुछ पात्रता मापदंड निर्धारित किए गए हैं। आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए और उसे भारतीय नागरिक होना चाहिए। महत्वपूर्ण बात यह है कि आवेदक ने इस योजना का लाभ पहले न लिया हो और पिछले 5 वर्षों में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना या मुद्रा लोन योजना से ऋण न लिया हो। इसके अलावा, आवेदक कार्यरत होना चाहिए और पारंपरिक कौशल में प्रशिक्षित होना चाहिए।
लाभार्थी वर्ग
इस योजना का लाभ विशेष रूप से पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को दिया जाता है। इनमें बढ़ई (कारपेंटर), नाव बनाने वाले, लोहार, सोनार, मोची, मालाकार, मछली का जाल बनाने वाले, दर्जी, धोबी, नाई, राज मिस्त्री, मूर्तिकार, हथौड़ा और टूलकिट बनाने वाले, ताला बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, डलिया, चटाई, झाड़ू बनाने वाले, पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, और चर्मकार शामिल हैं।
आवश्यक दस्तावेज
योजना के लिए आवेदन करते समय कुछ आवश्यक दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है। इनमें आधार कार्ड, पहचान पत्र, बैंक खाता पासबुक, पैन कार्ड, मोबाइल नंबर और राशन कार्ड शामिल हैं। इन दस्तावेजों के बिना आवेदन प्रक्रिया पूरी नहीं होगी, इसलिए इन्हें पहले से तैयार रखना चाहिए।
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करना बहुत आसान है। इसके लिए सबसे पहले स्मार्टफोन या कंप्यूटर/लैपटॉप में योजना का आधिकारिक पोर्टल खोलना होगा। फिर लॉगिन के विकल्प पर क्लिक करके लॉगिन करना होगा। लॉगिन के बाद, मुख्य पेज पर आवेदन के विकल्प पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आवेदन फॉर्म में मांगी गई सभी जरूरी जानकारी दर्ज करनी होगी और आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करना होगा। अंत में, आवेदन फॉर्म को फाइनल सबमिट करना होगा।
योजना की सफलता और भविष्य
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 2.70 करोड़ से अधिक लोगों ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन किया है। यह संख्या निरंतर बढ़ रही है, क्योंकि अधिक से अधिक लोग इस योजना के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं और इसका लाभ उठाने के लिए आवेदन कर रहे हैं। यह योजना न केवल कारीगरों और शिल्पकारों के कौशल विकास में मदद कर रही है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में भी सहायता कर रही है।
अस्वीकरण: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। पीएम विश्वकर्मा योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए कृपया योजना की आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी सरकारी कार्यालय से संपर्क करें।